जाँच(3)-
आदर्श वाक्य, चिह्न, सैल्यूट तथा बाँया हाथ मिलाना
आदर्श वाक्य (MOTTO)
तैयार
(BE PREPARED)
स्काउट/गाइड का आदर्श वाक्य है-'तैयार' । इसका
तात्पर्य है-प्रत्येक स्काउट-गाइड को शारीरिक रूप से
मानसिक रूप से जागृत
मजबूत,
रह कर प्रत्येक कर्त्तव्य को
रहना चाहिये।
और आचरण से पवित्र
पूरां करने के लिए सदा तैयार
स्काउट-गाइड चिह्न
स्काउट/गाइड चिह्न बनाने के लिए दाहिने हाथ
को फुर्ती के साथ कन्धे की ऊंचाई तक इस प्रकार
उठातें हैं कि हथेली सामने की ओर रहे, बीच की
तीनों अंगुलियाँ पूरी खुली हुई आपस में मिली
हुई व ऊपॅर की ओर रहें तथा अंगूठा छोटी अँगुली
के नाखून पर टिका हुआ हो।
तीन अंगुलियां स्काउट-गाइड की प्रतिज्ञा के तीन भागों
की याद दिलातीं हैं। उपर्युक्त चिह्न स्काउट-गाइड प्रतिज्ञा लेते
या दोहराते समय तथा स्काउट-गाइड के रूप में पहचान करते
समय बनाया जाता है। दीक्षा के समय भी यही चिह्न प्रयोग में
लाया जाता है।
सैल्यूट-
सैल्यूट करने के लिए दाहिनी को स्काउट-गाइड चिह्न की भुजा स्थिति में फुर्ती के साथ बाहर की ओर
से कंधे की ऊँचाई तक इस प्रकार उठाते हैं कि पहली अंगुली दाहिनी आँख के ऊपर की ओर दांयी तरफ
माथे को छूती रहे। सैल्यूट करने के पश्चात भुजा को फुर्ती के साथ सामने से वापिस नीचे की ओर ले जाते हैं ।
जब स्काउट हाथ में लाठी लिये होते हैं तब सैल्यूट दाहिने के बजाय बांए हाथ से किया जाता है, सावधान
की स्थिति में खड़े होकर लाठी को दांयें हाथ से पकड़ा जाता है और बैल्ट की सीध में लाठी को छूते हुए बांयें
हाथ की तीन अंगुलियों से हथेली जमीन की ओर करके, सैल्यूट किया जाता है।
सैल्यूट कब करते हैं ?
निम्नलिखित अवसरों पर सैल्यूट किया जाता है-
1. जब एक स्काउट/गाइड दूसरे स्काउट/गाइड से या किसी अधिकारी से दिन में पहली बार मिलता है।
2. राष्ट्रीय ध्वज, स्काउट-गाइड ध्वज व राष्ट्रों के ध्वज फहराते समय सब सैल्यूट करते हैं।
3. जब दल या टोली में कोई अधिकारी निरीक्षण करने आते हैं तब लीडर अपने दल को सावधान का आदेश देकर,
अधिकारी के लगभग 3 कदम दूरी तक आ जाने पर स्वयं एक कदम आगे बढ़कर सैल्यूट करता है।
4. मार्च पास्ट में जब कोई दल अपने झण्डे को लेकर चलता है तब केवल नायक सैल्यूट करता है। शेष स्काउट/गाइड मुख्य झण्डे की ओर दाहिनी/बांयी दृष्टि करते हैं।
5. किसी शव को देखकर सैल्यूट किया जाता है ।
6. जब दोनों हाथ भरे हुए हों, तो स्थिति के अनुसार आँखों को दांयी या बांयी ओर थोड़ा सा झुका कर सैल्यूट किया
जाता है।
नोट:- धार्मिक कार्यों में सावधान की स्थिति में खड़े रहेंगे सैल्यूट नहीं करेंगे।
बांया हाथ मिलाना-
स्काउट-गाइड परिवार के लोग आपस में मिलते समय सैल्यूट के साथ-साथ बांया हाथ मिलाते हैं । इसके निम्र कारण हैं।
1. स्काउट-गाइड आंदोलन में बांया हाथ मिलाने की
प्रथा का प्रुचलन एक रोचक घटना से जुड़ा हुआ है। दक्षिणी
अफ्रीका में अशन्ति (Ashanti) नामक एक बहादुर हुब्शी
जाति निवास करती है। एक बार वेड़न पावल अपनी सैनिक
सेवा की अवधि में कार्यवश वहां गुये, उस समय वहां उनकी
भेंट अशन्ति जाति के सरदार प्रम्पेह से हुई। भेंट के समय
परम्परानुसार बेड्न पावल ने अपना दाहिना हाथ बढ़ाया। यह
देखकर सरदार ने कहा, नहीं-नहीं दाहिना हाथ नहीं, बांया हाथ बढ़ाइए ,
हमारी जाति के बहादुर लोग बहादुरों से मिलते
समय बांया हाथ ही मिलाते हैं। उक्त घटना से प्रभावित
होकर बेडन पावेल ने स्काउट-गाइड आंदोलन में बांया
हाथ मिलाने की प्रथा प्रचलित की।
2. लेडी बी.पी. के अनुसार बाँया हाथ मिलाना, गर्मजोशी
व सच्ची मित्रता का प्रतीक हैं।
3. कुछ लोगों के बाँया हाथ हृदय के निकट
होने के कारण हदय से अभिवादन को प्रदर्शित करता है।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि बाया हाथ मिलाना
भाईचारा, विश्वास व प्रगाढ़ मित्रता का प्रतीक है।
ध्यान रखें, समारोहों में उच्चाधिकारियों (जो स्काउटिंग
से जुड़े हुए नहीं हैं) से मिलते समुय यदि वे दाहिना हाथ
बढाते हैं तो स्काउट/गाइड गणवेश में होते हुए भी हमारे द्वारा
दाहिना हाथ ही मिलाना उचित होगा।
स्काउट-गाइड बैज-
विश्व के सभी स्काउट व गाइड तीन पंखुड़ियों के चिह्न- त्रिदल (फ्लेअर-
डे-लिस) में कुछ परिवर्तन करके अपना बेज बना लेते हैं। भारत का
स्काउट-गाइड बैज, हरी पृष्टभूमि पर पीले संग के त्रिदल से बना होता है।
इसकी तीन पंखुड़ियाँ स्काउट-गाइड की प्रतिज्ञा के तीन भागों की याद
दिलाती हैं। इसके बीच में पीले संग की तीन पत्तियां विश्व गर्ल गाइड का
चिह्न है। मध्य में पीला चक्रहै (जो सारनाथ के अशोक स्तम्भ से लिया
गया है)। यह भारत देश की प्रगति का द्योतकहै। चक्र के चौबीस अरे हमें चौबीस घंटे
चौकन्रा रहने व आगे बढ़ते रहने को प्रेरित करते हैं। बैज का अनुपात 1: 1/2 होता है।