जाँच(1)-स्वयं की देखभाल
(a) घर के प्रति तुम्हारा क्या दायित्व है। इसे ठीक से
बताने में सक्षम हों।
(b) अपना बिस्तर ठीक कर सकें।
(c) व्यक्तिगत स्वच्छता के स्वास्थ्य नियम जानते हों।
स्वच्छता-
व्यक्तिगत स्वच्छता का जीवन में अत्यंत महत्व है।
आप जानते हैं कि हमारे शरीर में अधिकतर बीमारियां
स्वच्छता के अभाव, अशुद्ध जल व मानसिक कारणों से
होती हैं। मूल बीमारियां बहुत ही कम होती है।
हमें व्यक्तिगत स्वच्छता जैसे नाखून काटना, शरीर को
साफ रखना, अच्छी तरह हाथ धोने के बाद खाना खाना,
शौच के बाद साबुन से हाथ धोना, नाक, कान में उंगली
आदि न देना आदि बातों का ध्यान रखना चाहिए।
पानी को उबालकर या फिल्टर करके अथवा आर.ओ.
एक्वागार्ड आदि से शुद्ध करके पीना चाहिए।
स्वास्थ्य के लिए ध्यान देने योग्य बातें:-
1. रात्रि में जल्दी सोयें और प्रातः काल जल्दी उठें।
2. प्रतिदिन प्रातः बी.पी. के छ: व्यायाम करें।
3. खाना खाने से पहले व शौच के बाद हाथों को
साबुन से धोयें।
4. पेय जल का 72 घण्टे से अधिक संग्रह न करें।
5. नशीले पदार्थों जैसे शराब, बीड़ी, सिगरेट, पान, सुपारी,
गुटका, तम्बाकु, ड्रग आदि का सेवन न करें।
6. नाखून व शरीर को साफ सुथरा रखें।
7. अपनी सामर्थ्य के अनुसार परिश्रम अवश्य करें। प्रतिदिन
इतना परिश्रम या व्यायाम करें कि पसीना आ जाये।
8. अधिक टी.वी. न देखें। यदि देखें तो पर्याप्त दूरी से
रोशनी में देखें।
9. बाजार के फास्ट/जंक फूड (कबाड़ भोजन) का प्रयोग
न करें।
10. कुछ समय प्रकृति के बीच अवश्य रहें।
11. घर के आस-पास व कूलर आदि में पानी जमा न
होने दें। कूलर का पानी बदलते रहें।
12. पानी खूब पीयें। सलाद व हरी सब्जी अधिक खायें।
13. दातुन, मंजन व ब्रुश द्वारा नियमित दांत साफ करें।
14. अधिक मीठा न खायें। खाने के बाद कुल्ला अवश्य करें।
15. सोने से पूर्व, स्नान से पूर्व व भोजन करने के तुरंत
बाद पेशाब अवश्य करें।
16. खड़े होकर पानी न पीयें अर्थात पानी बैठ कर पीयें और
बूंट-घूट करके पीयें।
जांच1-
(d)-बी.पी. के छ: व्यायाम सीखें और योग/आसन/ सूर्य नमस्कार का अभ्यास करें।
बी.पी. के छः व्यायाम
बी.पी.के छ: व्यायाम के सम्बन्ध में स्काउटिंग फॉर बॉयज में
बी.पी. ने स्वयं कहा है-
1. ये व्यायाम शरीर के सभी अंगों के लिए हैं।
2. ये बहुत धीमी गति के व्यायाम हैं इनका श्वसन
क्रिया से तालमेल हो।
3. यह सतत प्रक्रिया है जिसमें सांस लेना व छोड़ना
एक छोटे विश्राम के साथ होता है।
4. अपना स्वयं का समय लेते हुए व्यायाम करें।
1. सिर व गर्दन के लिए व्यायाम :
अपने दोनों हाथों की हथेलियों से सिर, गले व गर्दन को रगड़ा, अंगुलियों से बालों में कंघी करो।
2. सीने के लिए व्यायाम :
सामने की ओर झुककर सांस बाहर निकाल दो। बाजू नीचे की ओर तने हुए व हथेली बाहर की ओर हों, फिर हाथ को धीरे-धीरे ऊपर उठाते हुए, नाक से सांस लेते हुए, पीछे की ओर झुको। धीरे-धीरे हाथों को बगल में पीछे की ओर लाओ,
सांस निकालते हुए बैंक्स (Thanks) कहो। फिर आगे की ओर झुकते हुए शेष सांस बाहर निकाल दो। इस क्रिया को 12 बार दोहराओ।
3. आमाशय के लिए व्यायाम :
सीधे खड़े होकर हाथ सामने की ओर फैलाएं, हथेली नीचे की ओर हो। पैरों को स्थिर रखें। दोनों हाथों को, सांस लेते हुए जितना हो सके पहले दाहिनी ओर ले जाएं, रुककर सांस छोड़ दें। फिर इसी प्रकार बांयीं ओर ले जाएं। इस क्रिया को दोनों ओर 6-6 बार दोहराएं।
4. धड़ के लिए व्यायाम :
सावधान की स्थिति में खड़े होकर दोनों हाथों की अंगुलियों को एक-दूसरे में फंसाओ, हाथों को सिर से ऊपर उठाओ व गहरी सांस लो। पीछे की ओर झुकते हुए, कमर के ऊपर का भाग घुमाते हुए, कमर एक बार सामने की ओर फिर पीछे की ओर झुकाते हुए सांस छोड़ते हुए, एक गोला बनाओ। इस क्रिया को 6-6 बार पहले दांयीं व फिर बांयीं ओर दोहराओ।
5. शरीर के नीचे वाले भाग के लिए व्यायामः
पैरों को थोड़ा खोलकर सीधे खड़े हो जाओ। दोनों हाथ सिर के पीछे लगाओ, ऊपर को देखकर सांस लेते हुए पीछे की ओर झुको, फिर धीरे-धीरे सामने की ओर झुककर पंजों को छूओ। (इस व्यायाम को करते हुए घुटने व हाथ सीधे तने रहनेचाहिएं) इस व्यायाम को 12 बार दोहराओ।
6.टांगों और पंजों के लिए व्यायाम :
जूते निकालकर, सावधान होकर, दोनों हाथों को कुल्हों पर रखें। हाथ की अंगुलियां आगे की ओर तथा अंगूठा पीछे की ओर रखें और पंजों के बल खड़े हो जाएं, घुटनों को बाहर निकालें धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए बैठें। फिर सांस लेते हुए ऊपर उठे।
एड़ियां जमीन पर नहीं लगनी चाहिए। इस क्रिया को 12 बारदोहराएं। यह पिण्डली व पंजों के लिए लाभदायक है।