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मई, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

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जांच -6 -बाहरी गतिविधियां, वन विद्या (खोज के चिह्न)

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जांच -6 -बाहरी गतिविधियां  ( a )  खोज के चिह्नों को जानता हो और पैट्रोल के साथ उनका कम से कम आधा किलोमीटर तक अनुसरण कर सके ।  वन विद्या (खोज के चिह्न) वनविद्या ( खोज के चिह्न ) इन खोज के चिह्नों का उपयोग स्काउट - गाइड द्वारा हाइक के समय किया जाता है । एडवांस पार्टी द्वारा सड़क के दायीं ओर 50-50 कदम की दूरी पर ये चिह्न लगाये जाते हैं । सभी स्काउट - गाइड इनके द्वारा मार्ग खोजते हुए आगे बढ़ते हैं । कुछ मुख्य चिह्न - ------------------------------------------------------------------------------ 1. यह मार्ग है , रास्ता साफ है , तीर की दिशा में जाइए ।  2. रास्ता बन्द है , इधर से मत जाइए ।  3. तीर के निशान की ओर चार कदम पर पत्र छिपा है ( यदि दूरी तीन कदम से अधिक हो तो वह लिख देनी चाहिए ) । 4 .यहां ठहरो ।   5 . मैं घर चला गया हूं ( अपने पेट्रोल का नाम और अपने नाम के हस्ताक्षर कर देने चाहिए और पेट्रोल का चिह्न बना देना चाहिए ) ।  6 .  नदी को यहां से पार कीजिए ।  7 . इधर तीर की ओर कैम्प है ।  8 . पीने का साफ पानी है ।   9 . पानी गंदा है , पीने योग्य नहीं ।   10. कुशल मंगल है ।  11. अकुशल है ।  1

जांच-4 सेवा, जांच -5 संचार

जांच-4 सेवा 4.(a) अपने स्काउट मास्टर/गाइड कैप्टन के निर्देशन में अपने स्कूल में अथवा स्काउट हैड क्वॉर्टर पर टुप/कम्पनी सर्विस प्रोजेक्ट शुरू करें। 4.(b) साधारण कटना, जलना, नकसीर की स्थिति को संभाल सके। कटना- किसी धारदार या नोकदार वस्तु से शरीर की चमड़ी या मांस के कट जाने को कटना कहते हैं। इससे कटे हुए स्थान पर तेजी से रक्त निकलने लगता है। उपचार-कटे हुए स्थान को लाल दवा के घोल या डिटॉल से साफ करें। घाव पर कीटाणुनाशक दवा/मल्हम लगाकर पट्टी बांधे। जलनाः सीधे आग की लौ या तेज गर्म धातु के शरीर पर लग जाने को जलना कहते हैं। उपचारः बहुत अधिक जलने का उपचार तो डॉक्टर ही कर पायेंगे।सामान्य जलने या झुलसने पर तुरन्त ठण्डे पानी में उस अंग को तब तक डूबायें जब तक जलन कम न हो जाये। यदि घाव हो जाये तो अण्डे की सफेदी/बरनोल/नारियल का तेल या रसौत को नारियल तेल में मिलाकर घाव पर लगाया जा सकता है । घाव को पट्टी से ढक कर रखें। नकसीर-मरीज को खुली हवा में सिर ऊपर करके बैठा दें। छाती व गर्दन के कपड़ों को ढीला कर दें । मरीज को मुंह खुला रखने को कहें । नाक पर कपड़े की ठण्डी पट्टी रखें । नाक में रूई लगा दें। 4.(c)

जांच-3 सादा या समानान्तर बन्धन

जांच-3 (c) शियर लैसिंग मार्क I और पार्क II लगा सके व प्रदर्शन कर सके। सादा या समानान्तर बन्धन (Sheer Lashing) उपयोग :  इस बंधन का प्रयोग दो लाठियों के एक सिरे को जोड़कर दूसरे सिरे को फैलाने अथवा दो लाठियों का या बल्लियों को जोड़ कर बड़ा करने के लिए किया जाता है।  शियर लैसिंग मार्क-1 - इस लैसिंग का प्रयोग क्लोथ लाइन बनाने या इम्प्रुवाइजड टैन्ट बनाते समय दो लाठियों के सिरे थोड़े फैलाने हों तब इसका प्रयोग किया जाता है। विधि-   एक लाठी के सिरे पर खूटा फांस लगाकर दूसरी लाठी को साथ मिलाकर रस्सी के चार-पांच चक्कर समानान्तर लगाते हैं। मजबूती के लिए फ्रेपिंग कर देते हैं। अंत में दूसरी लाठी पर खूटा फांस लगा देते हैं। मार्क-2- इसे राउण्ड लैसिंग या पैरलल लैसिंग के नाम से भी जानते हैं। इसका प्रयोग लाठी की लम्बाई बढ़ाने या झण्डे का पोल बनाने के लिए किया जाता है। विधि- इसमें दोनों लाठियों पर एक साथ खूटा फांस लगाई जाती है और फिर आवश्यकतानुसार रस्सी के चार या पांच लपेट लगाये जाते हैं और अंत में दोनों लाठियों पर खूटा फांस लगा देते हैं। अधिक मजबूती के लिए थोड़े फासले पर इसी प्रकार का एक बंधन और लगा सकते

Educational Game

गांठें (KNOTS)-

गांठें (KNOTS)-

जांच(3)- (b)गांठें (नॉट्स) और फांस (हिचेज)

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जांच 3 (b) निम्नलिखित गांठों को लगा सकें व उपयोग का प्रदर्शन कर सकें-रीफनॉट, शीट बैंड, क्लोवहिच, बोलाइन, शीपशैंक, फिशरमैन नॉट, राउण्ड टर्न एण्ड टू हाफ हिचेज गांठे (नॉट्स ) और फांस (हिचेज)।   स्काउट-गाइड कला में गांठों तथा फांसों का महत्वपूर्ण स्थान है। स्काउट-गाइड या अन्य किसी व्यक्ति को, चाहे वह शिविर में हो या शहर में, गांव में हो या जंगल में, गांठ तथा फांस लगाने की आवश्यकता पड़ती रहती है। किसान को खेती के अनेक कामों में, व्यापारियों को सामान भेजने के लिये पैकिंग करने में व डॉक्टर को ऑप्रेशन के टांके लगाने व घाव पर पट्टी बांधने आदि में इन गांठों की आवश्यकता पड़ती है। स्काउट-गाइड गांठों की निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं:- (1) ये गांठे जल्दी लग जाती हैं व अपने में पूर्ण होती हैं। (2) इन गांठों को लगाने के बाद आसानी से खोला जा सकता है। (3) ये गांठें बिना खोले अपने आप नहीं खुलती। नोट-गांठें सीखने के लिये स्काउट-गाइड से कम 3 मीटर लम्बी तथा 1 से.मी. मोटी रस्सी होनी चाहिए। इस रस्सी के दोनों सिरे सुरक्षित होने चाहिएं। अच्छा हो यदि दोनों सिरे अलग-अलग रंगों से रंगे हों। रस्सी के जिस सिरे से गा

जांच-3 रस्सी कार्य

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जांच-3 रस्सी कार्य- (a) रस्सी के सिरे सुरक्षित कर सके। रस्सी के सिरों को सुरक्षित करना (व्हीपिंग) यदि रस्सी के सिरों को भली प्रकार बांधकर न रखा जाये तो रस्सी धीरे-धीरे उधड़ती जाती है और नष्ट हो जातीहै। स्काउट-गाइड अपनी रस्सी के सिरों को इस प्रकार बांधकर रखते हैं कि उसके सिरों की मोटाई भी नहीं बढ़ती और वह खुलती भी नहीं।  रस्सी के सिरों को बांधकर रखना ही रस्सी के सिरों को सुरक्षित करना या स्थाई करना (व्हीपिंग)कहलाता है। विधिः  इसकी विभिन्न विधियां हैं जिनमें सर्वोत्तम विधि है- साधारण मढ़ाई विधि - सिरों को सुरक्षित करने के लिये लगभग एक हाथ लम्बा एक मोटे धागे का डोरा लें। रस्सी के सिरे पर इस डोरे के एक सिरे का फन्दा (लूप)बनाकर रखें। अब शेष डोरे को रस्सी के चारों ओर कसकर पास-पास लपेटते हुए रस्सी के सिरे की तरफ ले जायें। जब डोरा रस्सी के सिरे पर लगभग 2 से.मी. तक लिपट जाये तब डोरे के खुले सिरे को डोरे के पहले सिरे पर बने फंदे में डाल दें। अब फन्दे वाले सिरे को नीचे से पकड़कर खींच दें। डोरे के दोनों बचे सिरों को काट दें। इस प्रकार रस्सी पूर्ण रूप से सुरक्षित हो जाती है।

जांच-2 हाथ के संकेत, सीटी के संकेत

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जांच-2  (b) हाथ के संकेत  क्र.  संकेत  अभिप्राय   1.  हाथ को मुंह के आगे इधर से उधर हिलाना-  नहीं, जैसे थे   2.   हाथ ऊंचा उठाकर इधर से उधर धीरे-धीरे हिलाना-   फैल जाओ, बिखर जाओ  3.  उपरोक्त में ही हाथ तेजी से हिलाना  समीप आओ, एकत्रित हो जाओ।   4.  हाथ से किसी एक दिशा में अंगुली  से इशारा करना-  उस दिशा में जाओ,  5.  मुट्ठी बंद करके हाथ को तेजी से  कई बार ऊपर-नीचे करना-  भागो, दौड़ कर आओ।   6.  हाथ सिर से ऊपर सीधा उठाना   ठहरो, रूको।   7.   दोनों हाथ कंधे की सीध में दोनों  तरफ फैलाना-  लीडर के सामने टोली वार एकदूसरे के बराबर कतार में खड़े होना  8.  उपरोक्त स्थिति में ही एक हाथ  ऊपर दूसरा नीचे हो-  कदवार, ऊंचे हाथ की तरफ बड़े व नीचे हाथ की तरफ छोटे खड़े हों  9.   दाहिने हाथ को सिर की सीध में  ऊपर की ओर खड़ा करना-  सब ठीक है। सुनाई दे रहा है।   10.  दाहिने हाथ को मोड़कर सिर के  उपर बार-बार उपर-नीचे करना   लीडर के चारों ओर गोल आकार में खड़े हों।  11.  हाथ को मोड़कर सीने के सामने लाना  विसर्जन।  12.  हाथ को मोड़कर कंधे पर रखना  टोलीवार पंक्ति में खड़े हों। SOME MORE-

कोर्ट ऑफ ऑनर (मानसभा)-

कोर्ट ऑफ ऑनर (मानसभा)- इसके सदस्य दल नायक, सहा. दल नायक व टोली नायक होते हैं। इनमें कोई एक सभापति (मान सभा अध्यक्ष) व एक सचिव के रूप में कार्य करता है। सैकिंड को भी सदस्य के रूप में बुलाया जा सकता है। स्काउटर/गाइडर परामर्शदाता के रूप में कार्य करते हैं। मानसभा के कार्य हैं गतिविधियों की योजना बनाना, कार्यों की अनुमति आन्तरिक, वित्तीय व अनुशासन संबंधी मामले पर विचार करना।

पैट्रोल इन कौंसिल (टोली सभा)--

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पैट्रोल इन कौंसिल (टोली सभा)- पैट्रोल इन कौंसिल (टोली सभा)   में भाग लेना यह टोली की परिषद् होती है। टोली के सभी सदस्य इसके सदस्य होते हैं। टोली नायक इसका सभापति होता है। यह टोली से संबंधित सभी मामलों पर विचार करके निर्णय लेती है।

जाँच 2- अनुशासन

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जाँच 2- अनुशासन (a) अपनी टोली, टोली पताका, निनाद, गीत, पैट्रोल कॉर्नर, क्राई (स्का.)व पैट्रोल काल (स्का )जाने और टोली सभा में भाग ले। टोली (पैट्रोल)- टोली विधि स्काउटिंग का प्राण है। एक टूप/कम्पनी में 12 से 32 तक स्काउट्स/गाइड्स होते हैं । दल को टौलियों में विभाजित किया जाता है। प्रत्येक टोली में एक टोलीनायक व एक सैकेण्ड को मिलाकर 6 से 8 स्काउट/गाइड होते हैं।स्काउट टोली का नाम पशु-पक्षियों के नाम पर तथा गाइड टोली का नाम पुष्पों के नाम पर रखा जाता है। टोली पताका (Flag)- प्रत्येक  टोली  की एक टोली पताका होती है इसे सफेद कपड़ेसे त्रिभुज के आकार में बनाया जाता है। इस पर बीच में लाल रंग से टोली का चिह्न बनाया जाता है। टोली पताका का आधार 20 सेमी. तथा दोनों भुजाएँ 30-30 से.मी. की होती हैं। 20cm 30cm निनाद व गीत-   स्काउट-अपनी टोली के पशु/पक्षी तथा गाइड-पुष्प के अनुरूप निनाद व गीत तैयार करते हैं। वे इसे टोली की मीटिंग व हाइक आदि के अवसर पर गाते हैं। पैट्रोल कॉर्नर-  स्काउट-गाइड गतिविधियों के संचालन, स्काउट- गाइड रिकॉर्ड व शिविर के सामान आदि के लिये निर्धारित कमरे को स्काउट क्लब रूम/गाइड क्लब र

जांच-1 प्राथमिक सहायता किट, परिभाषा व स्वर्णिम नियम

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जांच- 1(e) बटन लगा सके। 1(1) कैनवास । लैदर शूज को साफ व पॉलिम कर सकें। 1(g)एक व्यक्तिगत फर्ट एड किट बनायें व उसकी सामग्री को जाने। प्राथमिक सहायता किट (First Aid Kit) प्राथमिक सहायता देने के लिये कुछ सामग्री की आवश्यकता पड़ती है । इस आवश्यक सामग्री को रखने के लिए बनाए गए बॉक्स को फस्ट एड किट कहते हैं इसमें निम्नलिखित सामग्री होनी चाहिए- गाज, गोल पट्टियां, तिकोनी पट्टियां, खपच्चियां सेफ्टीपिन, कैंची, नया ब्लेड, चिमटी, डिटॉल, बैटाडिन सोफ्रामाइसिन, सूई, थर्मामीटर, अमृतधारा, एस्प्रिन, टुनिकेत बैण्ड-एड, रूई, बरनोल, लाल दवा, मीठा सोडा, नमक चीनी आदि। First Aid 1(h)प्राथमिक सहायता की परिभाषा व स्वर्णिम नियमों को जानें। प्राथमिक सहायता (First Aid) परिभाषा-दुर्घटना के समय डॉक्टरी सहायता मिलने से पूर्व घायल व्यक्ति को दी जाने वाली सहायता को प्राथमिक सहायता कहते हैं प्राथमिक सहायता के स्वर्णिम नियम- 1. अति आवश्यक कार्य पहले करें।  2. सबसे अधिक आवश्यकता वाले रोगी को पहले प्राथमिक सहायता दें।  3. सांस रूकने वाले व्यक्ति को सबसे पहले कृत्रिम श्वास दें। उसके लिए प्रत्येक सैकिण्ड महत्वपूर्ण है।  4. रक्

सूर्य नमस्कार-

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सूर्य नमस्कार- सूर्य नमस्कार युवक-युवतियों के लिये बहुत ही उपयोगी व्यायाम है। यह व्यायाम अनेक आसनों का मिला-जुला रूप है। यदि व्यक्ति बी.पी. के 6 व्यायाम और सूर्य नमस्कार कर ले तो सभी अंगों का व्यायाम हो जाता है। सम्पूर्ण शरीर को आरोग्य, शक्ति व ऊर्जा प्राप्त होती है। सूर्य नमस्कार को प्रतिदिन 10 से 20 बार यथाशक्ति करना चाहिए। ध्यान रखें- जब सीना नीचे हो तो श्रांस बाहर निकालें और सीना ऊपर उठे तब श्वांस अन्दर लें। सूर्य नमस्कार की स्थितियां- (1.) सूर्य की ओर मुख करके सीधे खड़े हों। दोनों हाथ जोड़कर, अंगूठे सीने से लगा लें और नमस्कार की स्थिति में खड़े हों। दोनों एडी साथ मिलाकर, मन शांत, आंखें बंद व ध्यान दोनों आंखों के बीच में हो। (2.) श्वांस को अन्दर भरते हुए दोनों हाथों को सामने की ओर से ऊपर उठाते हुए कानों से सटाते हुए पीछे की ओर ले जायें। हाथों के साथ शरीर को पीछे की ओर झुकाने का प्रयास करें। नजर आकाश की ओर रहे। पैर स्थिर रखें। (3.) श्वांस को बाहर निकालते हुए हाथों को कानों से सटाते हुए आगे की ओर झुकें, पैर-सीधे, हथेली से जमीन को स्पर्श करने का प्रयास करें, यदि संभव हो तो सिर को घुटन

जाँच(1)-स्वयं की देखभाल

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जाँच(1)-स्वयं की देखभाल (a) घर के प्रति तुम्हारा क्या दायित्व है। इसे ठीक से बताने में सक्षम हों। (b) अपना बिस्तर ठीक कर सकें। (c) व्यक्तिगत स्वच्छता के स्वास्थ्य नियम जानते हों। स्वच्छता- व्यक्तिगत स्वच्छता का जीवन में अत्यंत महत्व है। आप जानते हैं कि हमारे शरीर में अधिकतर बीमारियां स्वच्छता के अभाव, अशुद्ध जल व मानसिक कारणों से होती हैं। मूल बीमारियां बहुत ही कम होती है। हमें व्यक्तिगत स्वच्छता जैसे नाखून काटना, शरीर को साफ रखना, अच्छी तरह हाथ धोने के बाद खाना खाना, शौच के बाद साबुन से हाथ धोना, नाक, कान में उंगली आदि न देना आदि बातों का ध्यान रखना चाहिए। पानी को उबालकर या फिल्टर करके अथवा आर.ओ. एक्वागार्ड आदि से शुद्ध करके पीना चाहिए। स्वास्थ्य के लिए ध्यान देने योग्य बातें:- 1. रात्रि में जल्दी सोयें और प्रातः काल जल्दी उठें। 2. प्रतिदिन प्रातः बी.पी. के छ: व्यायाम करें। 3. खाना खाने से पहले व शौच के बाद हाथों को साबुन से धोयें। 4. पेय जल का 72 घण्टे से अधिक संग्रह न करें। 5. नशीले पदार्थों जैसे शराब, बीड़ी, सिगरेट, पान, सुपारी, गुटका, तम्बाकु, ड्रग आदि का सेवन न करें। 6. नाखून व श

उच्च मानसिकता के चार सूत्र

 उच्च मानसिकता के चार सूत्र-  व्यवहार की धर्मधारणा और सेवा साधना उपरोक्त पंचशीलों को जीवन में उतारने से बन पड़ती है। इसके अतिरिक्त दूसरा क्षेत्र मानसिकता का रह जाता है, उसमें चरित्र और भावनात्मक विशेषताओं का समावेश किया जा सके तो समझना चाहिए कि लोक परलोक दोनों को समुन्नत स्तर का बना लिया गया।  चार वेद, चार धर्म, चार दिव्य वरदान जिन्हें कहा जा सकता है, उन चार मानसिक विशेषताओं को- (1) समझदारी (2) ईमानदारी (3) जिम्मेदारी (4) बहादूरी के नाम से समझा जा सकता है।  1. समझदारी-  समझदारी का अर्थ है- तात्कालिक आकर्षण पर संयम बरतना, अंकुश लगाना और दूरगामी प्रतिक्रियाओं का स्वरुप समझना तथा तद्नुरुप निर्णय करना। समझदारी यदि साथ देने लगे तो इन्द्रिय संयम, समय संयम, अर्थ संयम तथा विचार संयम अपनाते हुए उन छिद्रों को बंद किया जा सकता है, जो जीवन संपदा को अस्त- व्यस्त करके खो देते हैं। समझदारी का ही दूसरा नाम है- विवेकशीलता।  2. ईमानदारी-  बेईमान वे हैं जिन्होंने अपना विश्वास गंवाया और जिनकी मित्रता मिलती रह सकती थी उन्हें विरोधी बनाया। बेईमान व्यक्ति भी ईमानदारी नौकर रखना चाहता है। इससे प्रकट है कि

युग निर्माण स्काउट/गाइड के कुछ रोचक खेल

  युग निर्माण स्काउट/गाइड के कुछ रोचक खेल- खेलों से हमारा मनोरंजन होता है, दिमाग तेज होता है तथा खिलाड़ी भावना का विकास होता है। बच्चों में उत्साह एवं उमंग का संचार करने के लिए यहाँ कुछ रोचक खेलों की रुपरेखाबताई जा रही है। इनके अनुसार खेल खिलाये जाये तो बच्चों को मजा आयेगा तथा एक नया संदेश मिलेगा।  कोड़ा  जमालशाही पीछे देखे मार खाई      सारे बच्चे एक घेरे में बैठ जाते हैं। सबके मुँह अन्दर की ओर रहते हैं। एक बालक कोड़ा लेकर सब बालकों के पीछे भागता है और किसी एक के पीछे डाल देता हैं। यदि बालक पहचान लेता है, कि कोड़ा मेरे पीछे पड़ा है तो वह कोड़ा डालने वाले के पीछे दौड़ता है और कोड़ा डालने वाला खाली स्थान पर बैठने की कोशिश करता है। यदि वह तेज दौड़कर बैठा नहीं है पाता है तो पीछा करने वाला उसके दो जमाता है।यदि कोई खिलाड़ी पीछे देखता है तो कोड़ा लेकर दौड़ने वाला देखने वाले के दो कोड़े जमाता है। जिस बालक के पीछे कोड़ा रखा जाता है यदि वह देख न पाये तो कोड़ा रखने वाला घूमकर आकर उसकी पीठ पर दो कोड़े लगाता है और वह उठकर भागने लगता है और पहले वाला उसके खाली स्थान पर बैठ जाता है।यदि वह देख न पाये तो कोड़ा लगाता

जाँच(8,9)- दीक्षा

जाँच-(8)- कम से कम 4 दल सभाओं में उपस्थित रहें ।

जाँच(7)- राष्ट्र गान

जाँच 7  राष्ट्र गान , भारत स्काउट-गाइड प्रार्थना तथा झण्डा गीत  को सही ढंग से गा सके इसके रचयिता, अवधि व अर्थ को जानें-  राष्ट्र गान- (रचयिता-रवीन्द्रनाथ टैगोर) {कैप्टन रामसिंह (हिमाचल प्रदेश) ने इसकी धुन बनाई} (सावधान की स्थिति में खड़े होकर 48 से 52 सै. में सही ढंग से गायें) जन-गण-मन अधिनायक जय हे, भारत भाग्य विधाता। पंजाब, सिन्ध, गुजरात, मराठा, द्राविड़ उत्कल बंग। विन्ध्य, हिमाचल, यमुना, गंगा, उच्छल जलधि तरंग। तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मांगे। गाहे तव जय गाथा। जन-गण मंगल दायक जय हे, भारत भाग्य विधाता। जय हे, जय हे, जय हे, जय, जय, जय, जय हे।

जाँच(6)- विश्व गाइड ध्वज

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विश्व गाइड ध्वज- विश्व गर्ल गाइड एसोसिएशन और गर्ल स्काउट की विश्व समिति ने मई 1991 से इस नए विश्व गाइड ध्वज को अपनाया है। इस ध्वज की नाप 3:2 के अनुपात में होती है।  इसके गहरे चमकदार नीले रंग की पृष्ठभूमि पर झण्डे के सबसे ऊपर हाइस्ट के कोने पर सुनहरी रंग में विश्व त्रिदल है तथा फ्लाई के नीचे वाले अंतिम सिरे पर पीले रंग के कोणाकार (डायगनली) जुड़े हुए तीन वर्ग हैं। ये भी प्रतिज्ञा के तीन भागों के प्रतीक हैं जिनके नीचे की ओर सफेद रंग में उल्टे एल ( L) की शक्ल में एक आकृति है जो शांति की प्रतीक है। इस ध्वज का नीला रंग विश्व की गाइडों में एक दूसरे की बहिन (Sisterhood) का प्रतीक है तथा त्रिदल की तीन पंखुड़ियां प्रतिज्ञा के तीन भागों की याद दिलाती हैं। बैज की दो पंखुड़ियों में दो सितारे गाइड नियम तथा प्रतिज्ञा के प्रतीक हैं।  बीच की पंखुड़ी में अंकित सुई कम्पास की सूई है जो गाइडों को सही मार्ग एवं दिशा की ओर अग्रसर होने के लिये प्रेरित करती है। त्रिदल के नीचे अग्नि की एक लपट है जो हमारे मन में सभी के प्रति प्रेम की ज्वाला जलते रहने का प्रतीक है।  त्रिदल के बाहर का घेरा हमारे विश्वव्यापी संगठन

जाँच(6)- विश्व स्काउट ध्वज

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विश्व स्काउट ध्वज- यह ध्वज गहरे बैंगनी रंग का होता है और बीच में सफेद रंग का विश्व स्काउट बैंज बना होता है।  बैज के चारों ओर सफेद रंग की रस्सी का गोल घेराहोता है। इस गोल घेरे के नीचे की ओर रीफ नॉट लगी होती है।  इस ध्वज की नाप 3 : 2 के अनुपात में होती है। यह बैंगनी रंग अंतर्राष्ट्रीय प्रेम, और सेवा का प्रतीक होता है।  इसमें लगी हुई रीफ नॉट विश्व भ्रातृत्व का प्रतीक है और बैज के दो सितारे स्काउट नियम व प्रतिज्ञा के प्रतीक हैं। इस ध्वज को 18वें विश्व सम्मेलन लिस्वन में सन् 1951 में स्वीकार किया गया। इसे अंतर्राष्रीय शिविरों, सम्मेलनों आदि में फहराया जाता है। यदि इसे दलों में फहराना हो तो भारत स्काउट व गाइड झन्डे से ऊँचा और उसके दाहिनी ओर फहराना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज के बाये तथा इससे नीचा होगा।

जाँच(6)-भारत स्काउट्स व गाइड्स ध्वज-

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भारत स्काउट्स व गाइड्स ध्वज यह गहरे नीले रंग का होता है और इसके बीच में स्काउट बैज पीले रंग की पृष्ठभूमि पर नीले रंग से बना होता है। एसोसिएशन (संस्था) का झंडा 180 x120 से.मी. का होता है। उसमें बैज 45x30 से.मी. का होता है। दलों का ध्वज 120x80 से.मी. का होता है और बैज 30x20 से.मी. का बना होता है। झण्डे का नीला रंग आसमान की तरह विश्व व्यापक भ्रातृत्व भाव प्रदर्शित करता है, जिस प्रकार नीले आसमान के नीचे संसार के सभी प्राणी रहते हैं उसी तरह झण्डे के नीचे भारत स्काउट-गाइड उन्नति करें ।  बैज में त्रिदल की तीन पंखुड़ियां स्काउट-गाइड की प्रतिज्ञा के तीन भागों की याद दिलाती हैं एवं सदा उन्नति करने को प्रेरित करती रहती हैं।  ध्वज की नाप 3:2 के अनुपात में होती है।

जाँच-(5) गाइड गणवेश

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जाँच 5( गाइड)-गाइड गणवेश के विभिन्न हिस्सों के  नाम जाने तथा उन्हें सही ढंग से पहनना जाने। गाइड गणवेश (यूनिफार्म) (a) अनिवार्य

जाँच-(5) स्काउट गणवेश

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जाँच-5 (स्का) स्काउट गणवेश के विभिन्न भागों के नाम-  जाने तथा उन्हें सही ढंग से पहनना जाने। (यूनिफार्म) स्काउट गणवेश 1. कमीज (शर्ट )- स्टील ग्रे रंग, दो ढक्कनदार जेबें ( जेबों के बीच में बैज जितनी चौड़ी खड़ी पट्टी) दोनों कन्धों पर शोल्डर स्ट्रैप्स लगे हों, आधी बाजू या लपेटी हुई पूरी बाजू। 2. हाफ पैंट या पैंट (शॉर्ट या ट्राउजर): नेवी ब्ल्यू रंग की हाफ पैन्ट या पैन्ट होगी। लेकिन राष्ट्रपति अवार्ड जाँच शिविर या राष्ट्रपति अवार्ड रैली में पैन्ट अनिवार्य है जो न अधिक ढीली हो और न अधिक तंग हो। दो साइड जेबें व एक पीछे जेब हो। 3. सिर की गणवेश- गहरे नीले रंग की बैरट कैप जिस पर अधिकृत कैप बैज लगा हो, सिक्ख नीले रंग की पगड़ी जिस पर (आगे बीच में ऊपरी सिरे पर) कैप बैज लगा हो पहनेंगे। समारोहों के अवसर पर सिर की गणवेश पहनना अनिवार्य है। 4. बैल्ट- स्लेटी (ग्र)सा की नायलैक्स बैल्ट जिस पर भारत स्काउट्स व गाइड्स का अघिकृत (पीतल का) बक्कल लगा हो। 5. स्कार्फ- हरा,बैंगनी और पीला छोड़कर ग्रुप के रंग का त्रिभुजाकार स्कार्फ जिसकी दो समान भुजाएं 70 से 80 से.मी. तक हो । प्रत्येक दल के स्कार्फ का रंग लोकल या जि

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स्काउट प्रश्नोत्तरी

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