द्वितीयसोपान
जांच (1)- पायनियरिंग
(a)
1. टिम्बर हिच (लट्ठा फांस)
उपयोग : बहुत सी लकड़ियों को बांधकर ले जाने तथा पुल आदि बनाने में इस फांस का प्रयोग किया जाता है
विधि : रस्सी के सिरे को लकड़ियों के चारों ओर घुमाकर लम्बी रस्सी का घेरा लगाते हुए उसी सिरे वाली रस्सी पर वापस कई लपेट लगाने से यह फांस तैयार हो जाती है। यदि गट्ठर को खींचना हो तो चित्र (ख) के अनुसार क्लिक हिच का प्रयोग करें।
(क)
(ख) क्लिक हिच:
2. रोलिंग हिच (सरकफांस):
उपयोग- यदि एक रस्सी पर खिंचाव है तो उस खिंचाव को कम करने के लिये दूसरी रस्सी से बीच में रोलिंग हिच लगाकर पहली रस्सी के
खिंचाव को कम किया जा सकता है। बोरे का मुंह बांधने के लिये भी इसका प्रयोग किया जाता है।
किसी प्रोजेक्ट पर बंधी किसी ढीली रस्सी में तनाव देने रस्सी के कमजोर भाग को मजबूती देने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है ।
विधि - खिंचाव वाली रस्सी पर दूसरी रस्सी से खूटा फांस लगाते हैं । खंटा फांस की एक अर्ध फांस लगाकर एक चक्कर और दे दें व दूसरी अर्ध फांस लगा दें ।
3. मार्लिन स्पाइक या लीवर हिच ( ढेकली फांस )
उपयोग- इसका उपयोग काम चलाऊ सीढ़ी बनाने के लिये किया जाता है ।
विधि : ढेकली फांस लगाते समय सरक फांस लगाई जाती है । लेकिन उसे बिना कसे उसमें सीढ़ी का डंडा डाल कर कस दिया जाता है ।