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स्काउटिंग क्या है


नवयुवकों के लिए यह एक स्वयंसेवी, गैर सरकारी, शैक्षिक आन्दोलन है। जो किसी मूल जाति और वंश के भेदभाव से मुक्त प्रत्येक व्यक्ति के लिए खुला है। यह 1907 में संस्थापक लार्ड बेडेन पॉवेल द्वारा संकल्पित किये गये लक्ष्य, सिद्धान्त तथा पद्धित के अनुरूप है। 
- यह देश- भक्त, बहादुर, फुर्तीले, सक्रिय, बुद्धिमान, अग्रगामी तथा 
दूरदर्शी नागरिकों का निर्माण करने वाली संस्था है। 
उत्त्तम नागरिकता की पाठशाला है। 
- खाली समय का सदुपयोग है। 
- एक शैक्षिक आन्दोलन है। 
- एक स्वैच्छिक अशासकीय संगठन है, 
- एक खेल, किन्तु शिक्षाप्रद खेल है। 
प्रसन्नतादायक वातावरण है। 
- नेतृत्व का प्रशिक्षण है। 
- प्रकृति से तादात्म का सु- अवसर है। 
- मनोवैज्ञानिक प्रगतिशील प्रशिक्षण है। 
- पाठ्य- सहगामी सर्वोतम कार्यक्रम है। 
- व्यक्ति का चारित्रिक विकास, शारिरिक विकास और बौद्धिक विकास 
कर, समाज- सेवा और ईश्वर के प्रति कर्तव्य- बोध कराने वाली 
अद्वितीय संस्था है। 
- भाई- चारा तथा विश्व- बंधुत्व का पाठ पढ़ानेवाली संस्था है। 

उद्देश्यः
आन्दोलन का उद्देश्य नवयुवकों के विकास में इस तरह योगदान करना है जिसमें उनकी पूर्ण शारीरिक, बौद्धिक, समाजिक तथा आध्यात्मिक अन्तः शक्तियों की उपलब्धि हो। व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार नागरिकों के रूप में तथा स्थानीय, राष्ट्रीय समुदायों के सदस्यों 

के रूप में प्राप्त किया जा सके।
   स्काउटिंग आह्नान कर रहा है कि आवो! हमारे घेरे में आओं! कैरियर के साथ अच्छा व्यक्ति बनने के लिये। हम आपको अच्छा व्यक्ति बनाना चाहते हैं। अच्छा इन्सान बनने के लिए सतत प्रयत्न करना होगा। जो इन्द्र धनुष देखना चाहते हैं उन्हें वर्षा जनित असुविधाओं से भी रूबरू होना ही पडे़गा। स्काउटिंग का छोटा सा उद्देश्य है- युवाओं को बेहतर बनाना ताकि वे अपनी ईश्वर प्रदत्त क्षमताओं का बेहतर उपयोग कर सकें। 
स्काउटिंग व्यक्ति में छिपे गुणों को उभारना जानती है। युवाओं के व्यक्तित्व में छिपे गुणों व नजरिया को विकसित करने के बहु आयामी कार्यक्रम स्काउटिंग के पास है ताकि युवाओं में बाल्यकाल से ही कुशलता व प्रभावी गुणो का बीजारोपण किया जा सके एवं व्यक्तित्व के मूल्यांकन में अभिवृद्धि हो सके। हर व्यक्ति में आगे बढ़ने और प्रतिस्पर्धा करने के सभी गुण विद्यमान हैं जरूरत है उन्हें तराश कर धारदार और सार्थक बनाने की। जो युवा पीढ़ी को इन्सान बनाने यानि मानवीय गुणधर्मिता को विकसित करने के साथ सुव्यवस्थित कैरियर विकसित करने मे मदद करने की क्षमता रखता है। अपनीअभिरूचि के अनुसार अपने अभ्यास वर्ग व विषय चुनने के साथ मार्गदर्शन व सहयोग देने को भी तत्पर है। स्काउटिंग सदैव ही व्यक्ति में अच्छा नजरिया व सकारात्मक सोच विकसित करने में सक्षम है। तकनीकी प्रशिक्षण तो मात्र 15 प्रतिशत ही सफलता की भागीदारी प्रदान करता है। 85 प्रतिशत सफलता तो सुलझे हुए व्यक्तित्व के कारण ही तो मिलती है। 
स्काउटिंग अभिभावकों को आनान करता है कि अपने बच्चों को स्काउटिंग के साथ जोड़े ताकि वे अच्छा इन्सान बनने का नजरिया सीखें, अच्छी प्रवृत्तियाँअपनाये। कोई भी अनुष्ठान व कार्यक्रम जीवन की परिस्थितियों को तुरन्त परिवर्तित नहीं कर सकता किन्तु इन परिस्थितियों को सहजता व सरलता से सहन करने की प्रवृति और शक्ति प्रदान कर सकता है और ऐसा करने का माद्दा स्काउटिंग में है। यह युवाओं के मन मस्तिष्क को अपनी इच्छानुसार नियंत्रित कर उसे सकारात्मक ढंग से विकसित करने की क्षमता रखता है। 
सिद्धांतः-
 (1) ईश्वर के प्रति कर्तव्य का पालन 
(2) दूसरों के प्रति कर्तव्य का पालन 
(3) स्वयं के प्रति अपने कर्तव्य का पालन। 
प्रतिज्ञाः- मैं मर्यादापूर्वक प्रतिज्ञा करता हूँ कि -- 
(1) मैं यथा शक्ति ईश्वर/धर्म और अपने देश के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करूँगा। 
(2) दूसरों की सहायता करूँगा और 
(3) स्काउट नियमों का पालन करूँगा। 
स्काउट नियमः
(1) स्काउट विश्वसनीय होता है। 
(2) स्काउट वफादार होता है। 
(3) स्काउट सबका मित्र एवं प्रत्येक दूसरे स्काउट का भाई होता है। 
(4) स्काउट विनम्र होता है। 
(5) स्काउट पशुपक्षियों का मित्र और प्रकृति प्रेमी होता है। 
(6) स्काउट अनुशासनशील होता है और सार्वजनिक संपदा की रक्षा करता है। 
(7) स्काउट साहसी होता है ।
(8)स्काउट मितव्ययी होता है। 
(9) स्काउट मन, वचन और कर्म से शुद्ध होता है। 
नोटः‘स्काउट’ के स्थान पर ‘गाइड’ शब्द लगाने से यही ‘गाइड’ नियम हो जाते हैं। 
कार्यक्षेत्रः- प्रणेता बेडेन पॉवेल द्वारा बताए गए- 
(1) चरित्र निर्माण- स्वावलंबन और आत्मविश्वास 
(2) समाज सेवा- दूसरों की सेवा और नित्य एक भलाई का कार्य। 
(3) स्वास्थ्य- आरोग्य के नियम 
(4) हस्त कौशल- तरह- तरह के कौशलों का ज्ञान 
(5) धार्मिकता- ईश्वर में विश्वास और अपने धार्मिक नियमों का पालन 
तथा दूसरों के धार्मिक विश्वासों का सम्मान। 
नित्य भलाई का कार्य- 
स्काउट/गाइड सदैव सेवा कार्य में लगे रहते हैं, फिर भी उन्हें नित्य एक भलाई का कार्य करना अनिवार्य होता है। इसके लिए स्कार्फ में एक गाँठ लगाई जाती है। 
नित्य डायरी लिखना- 
स्काउट/गाइड को प्रतिदिन अपने कार्यों एवं दिनचर्या का रिकार्ड रखने के लिए डायरी तैयार करना चाहिए। 
स्काउटिंग जीवन के हर पड़ाव पर जरुरी
स्काउटिंग एक जीवन शैली है। बचपन से वृद्धावस्था तक स्काउटिंग हमारे जीवन में नवीन चेतना का संचार करती है। हर उम्र के व्यक्ति को स्काउटिंग जीवन शैली से जीना चाहिये। 

उम्र अनुसार विभाजनः-
 
3 से 5 वर्ष- बनी- टमटोला 
6 से 10 तक- कब- बुलबुल 
10 से 17 तक- स्काउट- गाइड 
17 से 25 तक- रोवर्सरेंजर्स 
25 से अधिक- प्रशिक्षक, मास्टर, तथा स्वैच्छिक समयदानी बनकर स्काउट आंदोलन की सेवा करना। 
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